देहरादून। मौसम के बदलते मिजाज और जलवायु परिवर्तन का सीधा असर तापमान पर पड़ रहा है। यही वजह रही कि साल में तीसरी बार रविवार को चारों धामों समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने के बावजूद भी तापमान में गिरावट दर्ज नहीं हुई। उधर, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दस साल में सामान्य तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है, जो चिंता का विषय है।
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में आज सोमवार को भी बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से बारिश-बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिजली चमकने और ओलावृष्टि के साथ भारी बर्फबारी की संभावना है। जबकि, इन जिलों के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश होने के भी आसार हैं।
इस साल फरवरी के शुरुआत में साल की पहली और पांच फरवरी को दूसरी बार बारिश-बर्फबारी हुई थी। इसके बाद रविवार को पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश के तीसरी बार बर्फबारी हुई। पहली-दूसरी बारिश-बर्फबारी से मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की गई थी। लेकिन, तीसरी बार हुई बर्फबारी से मैदानी इलाकों के तापमान में कोई खास असर नहीं पड़ा। यही वजह रही कि मैदानी इलाकों में ठंड का कम अहसास हुआ।
राजधानी दून के तापमान की बात करें तो जिले का अधिकतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य है। जबकि रात का न्यूनतम तापमान एक डिग्री इजाफे के साथ 10.8 डिग्री सेल्सियस रहा। ऐसे ही पंतनगर का अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य रहा। मुक्तेश्वर के अधिकतम तापमान में पांच और न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे दिन का तापमान 17.5 और रात का 4.3 डिग्री सेल्सियस रहा। सिर्फ नई टिहरी का अधिकतम तापमान एक डिग्री कमी के साथ 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा। हालांकि, रात का न्यूनतम तापमान यहां के भी सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस इजाफे के साथ 6.2 डिग्री रहा।
मौसम वैज्ञानिक तापमान में बढ़ोतरी का मुख्य कारण बारिश न होना भी मान रहे हैं। आंकड़ों में नजर डालें तो इस महीने पूरे प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा छह फीसदी कम है। यानी पूरे उत्तराखंड में अभी तक 37.5 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 35.4 एमएम ही हुई है।
विंटर सीजन खत्म हो रहा है। यही वजह है कि बारिश-बर्फबारी का तापमान पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। बारिश-बर्फबारी होने वाले दिन अधिकतम तापमान में एक-दो डिग्री की कमी दर्ज की जाएगी। हालांकि मौसम साफ होने पर इसमें दो-तीन डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।
– बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र
गढ़वाल मंडल में रविवार शाम को मौसम ने फिर करवट ली। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम में बर्फबारी हुई, जबकि बदरीनाथ धाम की ऊंची चोटियों में हिमपात हुआ। वहीं, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, गोरसों बुग्याल, रुद्रनाथ, लाल माटी सहित नीती और माणा घाटी में भी बर्फबारी हुई। वहीं देहरादून समेत अन्य मैदानी जिलों में बादल छाए रहे और सर्द हवाओं से तापमान गिर गया।
पश्चिमी विछोभ की वजह से रविवार को सर्दी ने जाते-जाते ग्लेशियर को मजबूती देने वाली बर्फबारी करा दी। उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में देर रात तक बर्फबारी के आसार बने हुए हैं। प्रशासन ने सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। गंगोत्री धाम में सुबह से ही गंगोत्री धाम में बादल छाए हुए थे। दोपहर बाद धाम में हल्की बर्फबारी शुरू हो गई है। वहीं, यमुनोत्री धाम में भी हल्की बर्फबारी हो रही है। वहीं, केदारनाथ धाम में शाम चार बजे से बर्फबारी शुरू हो गई है। बदरीनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी सुबह से जारी है।