देहरादून। रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोप में जेल में बंद अधिवक्ता कमल विरमानी का नाम क्लेमेंटटाउन में चर्चित कोठी कब्जाने और गिराने में भी आया है। पुलिस ने विरमानी को इस मास्टरमाइंड बताते हुए विरमानी के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। इससे पहले विरमानी का रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के कई मुकदमों में नाम आ चुका है।
गौरतलब है कि क्लेमेंटटाउन की रहने वाली पूर्व नौसेना अफसर की पत्नी कुसुम कपूर ने अपनी कोठी पर कब्जा करने और उसे ध्वस्त करने संबंधी शिकायत पुलिस को की थी। उनकी यह कोठी 12 जनवरी 2022 को बुलडोजर से ढहा दी गई थी। आरोपी इसके अंदर रखा सामान भी अपने साथ ले गए थे। पुलिस ने इस मामले में हल्की कार्रवाई कर पल्ला झाड़ लिया। लेकिन, तत्कालीन डीजीपी के निर्देश पर इसकी जांच हरिद्वार पुलिस के हवाले की गई।
पुलिस ने जांच करते हुए इस मामले में डकैती की धारा भी जोड़ दी। पुलिस ने शुरुआती जांच में ही आरोपी रणदीप रंधावा व नंद किशोर को गिरफ्तार किया और लूटा गया सामान बरामद किया। पूरे मामले में अमित यादव, मोना रंधावा, सौरभ सहित प्रकाश में आए रणदीप रंधावा, नंद किशोर काला, वीर सिंह कश्यप, सन्नी उर्फ शारिक, शोएब अहमद, सूरज क्षेत्री, विशाल भारद्वाज, सिद्धांत अरोड़ा और सुरजीत सिंह को गिरफ्तार किया।
जांच में आया कि पुलिस ने सहारनपुर के भूमाफिया केपी सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में आरोपपत्र प्रेषित किया था। इसके बाद केपी सिंह का नाम रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में भी आया। तब पता चला कि केपी सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस कोठी को गिराया था। अब विवेचना में इस प्रकरण में भी अधिवक्ता कमल विरमानी का नाम भी सामने आया है। पुलिस ने विरमानी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।