सरकार का वेड इन इंडिया को साकार करने पर फोकस है। वहींमानसखंड से आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार 100 करोड़ अतिरिक्त खर्च करेगी।
हर जिले में हवाई कनेक्टिविटी की सुविधा देगी। इससे पर्यटन को नई उड़ान मिलेगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जहां नए पर्यटन डेस्टिनेशन विकसित करने पर जोर दिया है, वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 करोड़ अतिरिक्त खर्च करने का भी इरादा जताया है।
बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेड इन इंडिया आह्वान को धरातल पर उतारने के साथ ही मानसखंड से आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है। वेड इन इंडिया के लिए राज्य में सुरक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ हवाई कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया है। उड़ान योजना पर 10 करोड़ खर्च करने के साथ ही सरकार ने नागरिक उड्डयन विभाग के लिए 144 करोड़ बजट का प्रावधान किया है।
हर जिले में हवाई कनेक्टिविटी मजबूत होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। आध्यात्मिक पर्यटन की दिशा में केदारनाथ, बदरीनाथ धाम के पुनर्विकास के साथ अब मानसखंड पुनर्विकास से भी बड़ी उम्मीदें हैं। लिहाजा, सरकार ने मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत मंदिरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 50 करोड़ बजट का प्रावधान किया है।
वहीं, नए पर्यटन स्थलों के विकास पर 25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में सांस्कृतिक गतिविधियों के संचालन के लिए कारपस फंड पांच करोड़ और रखरखाव के लिए 2.11 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है, जबकि सांस्कृतिक परिषद ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए चार करोड़ रुपये का प्रावधान है।
सरकार ने राज्य में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए पहले ही फिल्म नीति लागू की है। अब फिल्म परिषद के लिए बजट में 11 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है। माना जा रहा कि इससे प्रदेश की खूबसूरती देश-विदेश तक फैलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
वाइब्रेंट विलेज योजना पर भी केंद्र व राज्य सरकार का खास फोकस है। वाइब्रेंट विलेज में अवस्थापना विकास के लिए 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा ग्राम्य विकास विभाग में भी वाइब्रेंट विलेज योजना के लिए 29.85 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस तरह करीब 50 करोड़ रुपये से 51 वाइब्रेंट विलेज पर्यटन के नए डेस्टिनेशन के तौर पर भी विकसित होंगे।
यमुनोत्री मंदिर तक पहुंच अब और आसान होने होने वाली है। वित्त मंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में बताया कि खरसाली से यमुनोत्री मंदिर तक रोप वे का निर्माण 167 करोड़ की लागत से पीपीपी मोड में किया जाएगा। इसके लिए कंपनी का चयन भी हो गया है। जल्द इसका काम शुरू होगा।