देहरादून: उत्तराखंड राज्य के निर्माण और फिर इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली यहां की मातृशक्ति के सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक सशक्तीकरण के लिए सरकार अब महिला नीति लाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी घोषणा कर चुके हैं कि इस नीति को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।
इस बीच शासन ने महिला नीति के प्रारूप को अंतिम रूप देकर इससे संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है। अब कैबिनेट की आगामी बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके बाद जल्द ही यह नीति राज्य की महिलाओं को समर्पित की जाएगी।
समान नागरिक संहिता राज्याधीन सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण स्थानीय नगर व ग्रामीण निकायों के साथ ही सहकारी संस्थाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की आर्थिकी सशक्त करने को लखपति दीदी जैसी योजनाओं के बाद अब सरकार महिला नीति ला रही है।
राज्य महिला आयोग की ओर से तैयार महिला नीति के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए हाल में ही महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। तब यह लक्ष्य रखा गया था कि राज्य स्थापना दिवस पर यह नीति महिलाओं को समर्पित की जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
यद्यपि राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा अवश्य की कि जल्द ही महिला नीति अधिसूचित की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि महिला नीति पर कैबिनेट की मुहर लगनी है, लेकिन हाल में अल्मोड़ा में हुए बस हादसे समेत अन्य कारणों के चलते कैबिनेट की बैठक नहीं हो पाई। अब शासन ने महिला नीति से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है जिस पर मंथन चल रहा है।
सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट की आगामी बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। कैबिनेट यदि कोई अन्य बिंदु सुझाएगी तो उन्हें इसमें शामिल किया जाएगा। नीति कब से लागू होगी यह निर्णय कैबिनेट को ही करना है।