देहरादून। केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही 10 मई से आरंभ हो रही चार धाम यात्रा को श्रद्धालु नौ दिन में पूरा करेंगे, जबकि यात्री वाहन चालकों के लिए यात्रा अवधि 10 दिन की रहेगी। दुर्घटना पर नियंत्रण व यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सरकार ने इस बार यात्री वाहन चालक को एक दिन का विश्राम देना अनिवार्य कर दिया है। पिछले वर्ष चालकों के लिए एक दिन के विश्राम की शर्त परिवहन कारोबारियों के दबाव में हटा ली गई थी, लेकिन इस बार सरकार ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया है।
चार धाम यात्रा के नोडल अधिकारी आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि इसके लिए साफ्टवेयर में बदलाव कर दिया गया है, जिसमें व्यवस्था दी गई है कि अब यात्री वाहन के चालक का ट्रिप कार्ड 10 दिन से पहले दोबारा नहीं बन सकेगा।
संयुक्त रोटेशन की ओर से की गई 10 प्रतिशत किराया वृद्धि की मांग भी ठुकरा दी गई है। बुधवार को आरटीओ कार्यालय में बैठक के दौरान आरटीओ सुनील शर्मा ने कहा कि चार धाम यात्रा संयुक्त रोटेशन की व्यवस्था के अंतर्गत संचालित होगी। इसमें देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार व कोटद्वार समेत गढ़वाल मंडल की सभी परिवहन कंपनियां और निजी बस संचालक शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से किसी तरह का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। जब नौ दिन की यात्रा के बाद चालक को एक दिन विश्राम मिलेगा तभी वह दूसरे फेरे पर सुरक्षित संचालन कर सकेगा। यात्रा पर जाने के लिए वाहन का ग्रीन कार्ड एवं ट्रिप कार्ड बनवाना अनिवार्य होता है।
ट्रिप कार्ड में वाहन चालक परिचालक समेत यात्रियों का पूरा ब्योरा दर्ज होता है। ऐसे में चालक अपने ट्रिप कार्ड के लिए 10 दिन बाद ही आवेदन कर सकेगा। यदिए कारोबारी अपने वाहन को दसवें दिन यात्रा पर भेजना चाहता है तो उसे दूसरा चालक भेजना पड़ेगा।
2,200 निजी व 100 बसें परिवहन निगम की चार धाम यात्रा में इस वर्ष बसों की संख्या में वृद्धि की गई है। संयुक्त रोटेशन के पास 2,200 निजी बसें हैं और प्रारंभिक चरण में उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी 100 बसों का संचालन यात्रा में करेगा। पिछले वर्ष बसों की संख्या 1,900 थी। ऋषिकेश में बनाए गए कंट्रोल रूम से इन बसों का संचालन होगा।
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर कुमाऊं मंडल से भी निजी बसें मंगाई जाएंगी। साथ ही स्कूल बसों और सिटी बसों का संचालन भी यात्रा में किया जाएगा।