देहरादून: मैदानी राज्यों में बढ़ती गर्मी और स्कूलों की छुट्टियों के चलते पर्यटक उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर पर्यटक मसूरी और उसके आसपास के पर्यटक स्थलों का रुख करते हैंए जिसके कारण यहां जाम की स्थिति बन रही है।
यह स्थिति सप्ताह के अंत पर और भी गंभीर हो जाती हैए क्योंकि मसूरी में वाहनों की पार्किंग क्षमता महज 2,000 है। सप्ताह के अंत में यहां कई बार 3,000 से अधिक वाहन पहुंच जाते हैं। यदि एक भी वाहन रास्ते में खराब हो जाता है तो पीछे कई किलोमीटर तक जाम लग जाता है। इसके अलावा मसूरी में 250 होटल व 700 होम स्टे हैं। इनमें भी वाहनों को पार्क करने के लिए सीमित जगह है कई में तो पार्किंग ही नहीं है।
मसूरी में जाम की समस्या को दूर करने के लिए समय समय पर कई योजनाएं बनाई गईं लेकिन स्थिति आज भी जस की तस है। मई में जब स्थिति और भी गंभीर हो गई तो पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सीओ यातायात अनुज कुमार को मसूरी में कैंप करने के लिए भेजा इसके साथ ही जाम के कारणों का पता लगाने व समाधान के भी निर्देश दिए। इस पर महीने में मसूरी पहुंचने वाले वाहनों का आंकड़ा निकाला गया तो पता चला कि मसूरी में उतनी पार्किंग ही नहीं है जितने वाहन पहुंच रहे हैं।
कोल्हूखेत स्थित टोल प्लाजा से जब मई में मसूरी आए वाहनों का रिकार्ड जुटाया गया तो पता चला कि अन्य दिनों के मुकाबले मसूरी में दोगुने वाहन पहुंच रहे हैं। आम दिनों में यदि 1,000 वाहन मसूरी पहुंचते हैं तो सप्ताहांत पर 3,000 से अधिक वाहन मसूरी जाते हैं। क्षमता से अधिक वाहन मसूरी जाने के कारण ही जाम लग जाता है।
मसूरी में जाम का सबसे बड़ा कारण लाइब्रेरी चौक पर लगने वाली वाहनों की कतार है। लाइब्रेरी चौक से तीन मार्ग निकलते हैं। इसमें एक माल रोड की तरफ निकलता है। लाइब्रेरी चौक से माल रोड पर मुड़ते ही नगर पालिका का बैरियर है जहां पर पर्ची कटती है इस कारण यहां वाहन खड़े रहते हैं। इसके अलावा चौक से आगे मार्ग संकरा है जिसके कारण चौक में ही वाहन फंस जाते हैं। इससे यहां वाहनों की कतार लग जाती है। पुलिस की मानें तो माल रोड पर लगाए बैरियर को 200 मीटर आगे लगाया जाए तो कुछ राहत मिल सकती है।