देहरादून: उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में पिछले छह दिन से हो रही भारी वर्षा का क्रम रविवार को थम गया। इससे थोड़ी राहत महसूस की गई। गंगा समेत अन्य नदियों का जलस्तर भी कम हुआ है। जिससे जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन सुचारु रहा। मंडल में 30 के करीब संपर्क मार्ग खोल दिए गए हैं। चारधाम यात्रा मार्गों में बदरीनाथ को छोड़कर अन्य राजमार्ग दिनभर सुचारु रहे हालांकि यात्रा स्थगित रही। मौसम के रुख को देखते हुए शासन ने सोमवार से यात्रा सुचारु करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश में लगभग 190 मार्ग बंद हैं। इस कारण 250 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कटा हुआ है। हालांकि मैदानी क्षेत्रों और कुमाऊं मंडल में वर्षा अनवरत जारी है।
प्रदेश में एक सप्ताह से भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। इस कारण पर्वतीय क्षेत्रो में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी तीर्थ यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
रविवार के लिए मौसम विभाग ने प्रदेश के नौ जिलों में अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की थी। इसे देखते हुए शासन ने चारधाम यात्रा स्थगित रखी। हालांकि मंडल के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो अधिकांश पर्वतीय क्षेत्र में वर्षा को लेकर राहत रही।
बदरीनाथ राजमार्ग चमोली जिले में जोशीमठ के पास सुबह करीब चार बजे से बंद है इस कारण बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए ढाई हजार तीर्थयात्री धाम व पड़ावों पर फंसे हुए हैं।
टिहरी जिले में भी यह राजमार्ग तोताघाटी में भारी मलबा आने से शनिवार रात बंद हो गया था जिसे रविवार सुबह सुचारु कर दिया गया। हालांकि मैदानी इलाकों में वर्षा का दौर अभी थमा नहीं है। कुमाऊं मंडल में भी भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले दो मार्ग अब भी बंद हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार फिलहाल प्रदेश में वर्षा का क्रम बना रहने का अनुमान है। हालांकि ज्यादातर क्षेत्रों में भारी वर्षा का दौर कुछ धीमा पड़ सकता है। आज नैनीताल बागेश्वर पिथौरागढ़ देहरादून पौड़ी और चमोली में कहीं कहीं गरज और चमक के साथ वर्षा के तीव्र दौर हो सकते हैं। आसपास के क्षेत्रों में भी मध्यम से भारी वर्षा के आसार हैं। आकाशीय बिजली चमकने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।