देहरादून: पीठ दर्द एक आम समस्या है, जिसे कई लोग अनुभव करते हैं, फिर भी इसे नजरअंदाज किया जाता है। जबकि रीढ़ की समस्याओं को नजरअंदाज करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
मैक्स अस्पताल में स्पाइन सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डा. प्रियांक उनियाल ने कहा कि पीठ दर्द की अवधि और प्रकृति को समझना जरूरी है। छह सप्ताह से अधिक वक्त तक रहने वाला पीठ दर्द चेतावनी है, जिसका मूल्यांकन जरूरी है।
प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि हर्नियेटेड डिस्क, मांसपेशियों में खिंचाव, स्कोलियोसिस और आस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों का अगर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। दर्द और कार्यात्मक हानि का कारण बनते हैं।
उन्होंने कहा कि चलने-फिरने की गति में कमी, आंत्र या मूत्राशय पर नियंत्रण न होना और सुन्नता जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि वे तंत्रिका क्षति या रीढ़ की हड्डी की चोट का संकेत देती हैं।
रीढ़ की समस्याओं के इलाज में देरी करने से स्थायी विकलांगता हो सकती है। इससे बचाव के लिए शीघ्र जांच व विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि स्थितियों के आधार पर उपचार के विकल्प अलग-अलग होते हैं। इसमें दवा, भौतिक चिकित्सा, या गंभीर मामलों में सर्जरी शामिल हो सकती है। समस्या का शीघ्र निदान आगे की जटिलताओं को रोकने और उपचार के बेहतर परिणाम में मदद करता है।
कहा कि व्यक्ति पीठ दर्द रोकने और रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बनाए रखने को सक्रिय कदम उठा सकता है। इसमें स्वस्थ वजन बनाए रखना, अच्छी मुद्रा का अभ्यास करना, नियमित व्यायाम और उन गतिविधियों से बचना शामिल है जो दर्द को बढ़ा सकते हैं।