
देहरादून: उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। इसके साथ ही वर्षा का दौर भी तेज हो गया है। पहाड़ से मैदान तक बादलों का डेरा है और हल्की से मध्यम बौछारें पड़ रही हैं। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में दुश्वारियों का दौर भी शुरू हो गया है। गौरीकुंड में केदारनाथ मार्ग भूस्खलन के कारण करीब छह घंटे बंद रहा। जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिन बारिश का क्रम और तेज हो सकता है। खासकर देहरादून-नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य क्षेत्रों में भी गरज.चमक के साथ तीव्र वर्षा हो सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
शनिवार को देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही बादलों का डेरा रहा और दोपहर बाद कहीं-कहीं बौछारों का सिलसिला शुरू हो गया। दून में हाथीबड़कला, सहस्रधारा रोड, मालसी, राजपुर और मसूरी क्षेत्र में जोरदार वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में भी बौछारों का क्रम बना रहा। रुक-रुककर हो रही वर्षा से ज्यादातर क्षेत्रों का तापमान सामान्य या उससे कम बना हुआ है। चारधाम और यात्रा मार्गों पर भी बादल मंडरा रहे हैं और हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जा रही है। कुमाऊं में भी नैनीताल से लेकर खटीमा तक बौछारें पड़ रही हैं। इसके साथ ही मानसून भी पूरे प्रदेश में सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को मानसून प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में सक्रिय हो गया था।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मानसून की गतिविधि अगले कुछ दिन और बढ़ सकती है। आगामी 25 जून तक कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ ही भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका है। आज भी देहरादून और नैनीताल में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, टिहरी, चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर में भी तीव्र वर्षा होने के आसार हैं। चारधाम यात्रा मार्गों पर बादल छाये रहने के साथ ही तीव्र बौछारों पड़ने की संभावना है।