देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की नंदा-गौरा योजना के अंतर्गत लाभार्थी 107609 बालिकाओं के बैंक खातों में 358.3 करोड़ रुपये की धनराशि डिजिटल माध्यम से हस्तांतरित की। इसके अलावा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभार्थियों को भी दो माह की सहायता राशि के रूप में उनके खातों में 3.58 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही कोविडकाल में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल की राह आसान हुई है।मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में यह धनराशि हस्तांतरित की। जिन बालिकाओं को यह राशि भेजी गई, उनमें वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2016-17 में योजना के लाभ से वंचित रह गईं 32361 बालिकाएं भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में इन्हें 15 हजार रुपये की दर से धनराशि दी गई। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा विधानसभा में की थी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा गौरा योजना में बालिकाओं को प्रोत्साहन मिलने से स्नातक स्तर पर उनके प्रवेश के ग्राफ में वृद्धि हुई है। इससे राज्य में महिला सशक्तीकरण के प्रयासों को मजबूती के साथ विकसित राज्य की पहचान भी बनी है।
नंदा गौरा योजना में ये हैं प्रविधान
11 हजार की धनराशि दी जाती है बालिका के जन्म पर।
51 हजार रुपये 12वीं पास करने पर दिए जाते हैं प्रति लाभार्थी।
वात्सल्य योजना में नियमित मिल रही सहायता राशि
कोविड काल में कोविड समेत अन्य बीमारियों के कारण माता-पिता, संरक्षक, अभिभावक खो चुके बच्चों के लिए प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में शामिल बच्चों को नियमित रूप से सहायता राशि सरकार दे रही है। योजना में 21 वर्ष की आयु तक तीन हजार रुपये प्रतिमाह देने का प्रविधान है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में इस योजना में शामिल 5981 बच्चों को जनवरी माह की 1.79 करोड़ और 5956 बच्चों को फरवरी माह की सहायता राशि के रूप में 1.78 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, अपर सचिव प्रशांत आर्य समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।