देहरादून: समान नागरिक संहिता की नियमावली बनाने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही संहिता को इस वर्ष अक्टूबर तक प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में समान नागरिक संहिता मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने राज्य की विधानसभा से समान नागरिक संहिता विधेयक पारित होने को जनता का आशीर्वाद बताया। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्र सरकार का भी आभार प्रकट किया। बुधवार को नई दिल्ली के न्यू अशोक नगर में म्येरू पहाड़ फाउंडेशन ने उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता विधेयक पारित होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सम्मान किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के लिए समान नागरिक कानून लागू करना सरकार का संकल्प रहा है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता बनाने के लिए उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया।
समिति ने सभी पक्षों के साथ बैठक कर व सुझाव लेकर सरकार को इसी वर्ष फरवरी में रिपोर्ट सौंपी। सरकार ने तुरंत बाद इसे विधानसभा से पारित कराया और 11 मार्च को राष्ट्रपति भवन से इसे स्वीकृति मिल गई। इसकी नियमावली बनाने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता समाज के विभिन्न वर्ग विशेष रूप से माताओं बहनों व बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने में सहायक साबित होगी। इसमें लिव इन संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। लिव इन में रहने वालों को केवल पंजीकरण कराना होगाए जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद व अपराध को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर में बलिदान देने वाले वीर जवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।